अपनी व्यक्तिगत समस्याएं सुलझाने के लिए इंसान के पास प्रार्थना से बड़ी मददगार शक्ति दुसरी नही है। प्रार्थना की शक्ति उर्जा का प्रकटीकरण है। जिस तरह परमाणु उर्जा मुक्त करने के लिए वैज्ञानिक तकनीकें है। उसी तरह आध्यात्मिक उर्जा को मुक्त करने के लिए प्रार्थना की वैज्ञानिक तकनीकें है।
प्रार्थना की शक्ति बुढ़ापे की प्रक्रिया पर भी अच्छा प्रभाव डालती है और उम्र के साथ आने वाली कमजोरियों और बीमारियों से बचाती है या उन्हें कम कर देती है। प्रार्थना हर सुबह आपको तरोताजा बना सकती है और हर शाम यह आपको थकान दुर कर सकती है।
अगर प्रार्थना आपके अवचेतन तक पहुँचती है तो आपको समस्याओं से निपटने के लिए मार्गदर्शन मिल सकता है। प्रार्थना मे आपके कार्यों को सही और सार्थक बनाने की शक्ति होती है। प्रार्थना आपके अवचेतन मे बहुत गहराई तक जाकर आपको फिर से नया बना सकती है। यह शक्ति के प्रभाव को मुक्त करती है और उस शक्ति को मुक्त रुप से प्रवाहित होने देती है।
अगर आपको इस शक्ति का अनुभव नही हुआ है तो शायद आपको प्रार्थना करने की नी तकनीकें सीखने की आवश्यकता है। प्रार्थना के संबंध मे आमतौर पर पुरी तरह से धार्मिक पहलु पर ध्यान दिया जाता है, हलांकि दोनो अवधारणाओं पर कोई मतभेद नही है।
प्रार्थना करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना व्यायाम या वर्जिश करना। यह शक्ति को मुक्त करने वाली शक्तियों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज लोग पहले की तुलना मे अधिक व्यायाम कर रहे हैं। क्योंकि उन्होंने पाया है कि इससे उनकी व्यक्तिगत क्षमता व योग्यता बढ़ती है।
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