सफलता का पहला कदम
लहरों की डर से नौका पार नही होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती।
पहला कदम बड़ा अनमोल, छिपा है उसमे सफलता का मोल।
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safalta ka pehla kadam |
हमारे जीवन किसी भी काम को करने के लिए पहला कदम बढ़ाने की आवश्यकता होती है। पहला कदम के बाद ही दुसरा कदम बढ़ता है। लेकिन जीवन मे अकसर देखा जाता है कि पहला कदम बढ़ने मे ही व्यक्ति देर कर देता है। यही सफलता के राह मे बाधक है। इनमे से कुछ है आलस्य,लोभ,मोह,आदि। सफलता के लिए व्यक्ति के मन मे दृढ निश्चय की आवश्यकता होती है। अगर व्यक्ति मन मे यह निश्चय कर ले की हमे यह कार्य करना है। तो उसका पहला कदम जरुर आगे बढ़ता है।और वह कार्य पुरा भी होता है।
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pehla kadam safalta ki |
सफलता की ओर कदम
मनुष्य की निर्बलता उसे सफलता से दुर ले जाती है । अगर व्यक्ति यह ठान ले की हमे यह कार्य करना है तो वह आवश्य ही वह कार्य कर लेता। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को कुछ वस्तुएँ और कुछ विचारों को छोड़ना पड़ता है, जो हमे प्रिय तो है, लेकिन सफलता की राह मे रुकावट है। एवं हमारे पहला कदम बढ़ने मे बाधक होती है। मुश्किलें हमेसा हारती है, संघर्ष करने वाले हमेशा जीतते है। हर मुश्किलें को परास्त करने मे पहला कदम बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। वहीं से सामाधान निकलता है।
किसी भी चीज को पाने के लिए तमाम इच्छाए, सपने, योजनाएं, प्रार्थनाए तथा
विश्वास तब तक कामयाब नहीं हो सकते जब तक की उसके लिए कार्यरत न हो जाए, एक्शन सफलता कि पहली सीढी है। जीवन में आगे बढने
के लिए कोशिश जरुरी है ,हर सक्षम और सफल व्यक्ति के पास इस सवाल का जवाब
होता है कि “क्या मैं अपने सपनो के प्रति गंभीर हू? और क्या अपने लक्ष्यों के प्रति
कार्य करने को तैयार हू? अपने सपनो को साकार करने के लिए एक मजबूत और सही कोशिश जरुरी होती है। यानि की पहला कदम उठाने की जरूरत। आपके पास काम करने कि एक योजना होनी चाहिए, और योजना एसी होनी चाहिए, जो आपके सपनो और
लक्ष्यों को पूरा कर पाने में मददगार साबित हो सके। आपको यह निश्चित करना होगा कि आप जो कार्य करने जा
रहे है वह ‘क्यों’ करने जा रहे है और आप उसके लिए कितने गंभीर है, तभी आप अपना पहला कदम बढ़ाने तैयार होंगे।
पहला कदम सफलता की ओर
एक बहुत ही
शक्तिशाली वाक्य है, आदमी जो पाना चाहता है, क्या वह उसके लिए मुमकिन है। इन दोनों बातो में बहुत फासला
होता है लेकिन सबसे पहले उसके अंदर यह विश्वास होना चाहिए की वह कर सकता है। जब तक आपके अंदर यह विश्वास पैदा नहीं
होगा कि आप यह कर सकते है तब तक आप उस काम को करने
के लिए आगे बढ़ नहीं सकते, आप पहला कदम नहीं बढ़ा सकते, इसलिए
सबसे पहले अपने भीतर भरोसा पैदा कीजिए। उसके बाद ही आप सफलता की ओर अग्रसर होंगे, और तभी आपका पहला कदम बढ़ पाएगा। ओर तभी आप सफलता की पायदान पर आगे बढ़ पाएंगे।
सफलता का पहला नियम भागो मत जागो। यदि कोई व्यक्ति कुछ नही कर रहा है, तो प्रथम उद्देश्य होना चाहिए कि वह कुछ करने की तलाश करे। और उस कार्य को करने के लिए कदम बढ़ए ।आपका पहला कदम सफलता का होगा, ऐसा आपको सोचकर चलना होगा। तभी वह कार्य सिद्धि की ओर अग्रसर होगा। महान वैज्ञानिक ने एडीसन ने कहा है, उद्देश्यपूर्ण कार्य के लिए घड़ी न देखे, जब समय मिले तभी करले। और जबतक काम पुरा न हो तब तक लगे रहे, सफलता अवश्य मिलेगी। गीता का कर्मयोग भी यही है। आपको कर्म करना है यही सफलता का पहला कदम है।
शिवाजी का नारा था कार्य सिद्धि या मृत्यु । तभी शिवाजी महान कहलाए। आज उनका गाथा को लोग याद करते है, सफलता का मुल आधार कर्म है जो पहला कदम से शुरुआत होता।
https://www.jivankisachai.com/
सफलता का पहला नियम भागो मत जागो। यदि कोई व्यक्ति कुछ नही कर रहा है, तो प्रथम उद्देश्य होना चाहिए कि वह कुछ करने की तलाश करे। और उस कार्य को करने के लिए कदम बढ़ए ।आपका पहला कदम सफलता का होगा, ऐसा आपको सोचकर चलना होगा। तभी वह कार्य सिद्धि की ओर अग्रसर होगा। महान वैज्ञानिक ने एडीसन ने कहा है, उद्देश्यपूर्ण कार्य के लिए घड़ी न देखे, जब समय मिले तभी करले। और जबतक काम पुरा न हो तब तक लगे रहे, सफलता अवश्य मिलेगी। गीता का कर्मयोग भी यही है। आपको कर्म करना है यही सफलता का पहला कदम है।
शिवाजी का नारा था कार्य सिद्धि या मृत्यु । तभी शिवाजी महान कहलाए। आज उनका गाथा को लोग याद करते है, सफलता का मुल आधार कर्म है जो पहला कदम से शुरुआत होता।
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