बड़ी सोच बड़ा लक्ष्य।
- किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को उसके अनुकूल और प्रतिकूल कार्यों का ध्यान रखना होता है। अनुकुल कार्यों को स्वीकार करना और प्रतिकूल कार्यों को त्यागना, इन्हे स्वीकार करने और त्यागने मे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हो, सफलता के लिए इन्हें करना अनिवार्य हो जाता है।
- प्रबल आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति ही वह शक्ति है, जो महान पुस्तकों, नाटकों, वैज्ञानिक खोजों के पीछे होती है। सफलता मे विश्वास ही वह मुलभुत और अनिवार्य तत्व है, जो हर सफल व्यक्ति मे पाया जाता है। यदि व्यक्ति मे यह विश्वास है कि वह बड़े से बड़ा और कठिन से कठिन काम कर सकता है, तो निश्चित रुप से वह उसे कर ही लेता है। कोई भी व्यक्ति वैसा ही होता है, जैसे कि उसके सोच और विचार होते हैं।
- अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक सोच रखने वाला हमेशा सफलता की उंचायां छुता है, इसिलिए बड़ी बातों मे यकीन किजिए । अपने सफलता के अभियान की शुरुआत इस सच्चे-संजीदा विश्वास से कीजिए कि, आप सफल हो सकते है। अगर आपको यकीन है कि आप महान बन सकते है तो आप सचमुच महान बन जाएंगे ।
- श्रीकृष्ण और कर्ण के जीवन की कई घटनाएं एक सरीखी है। लेकिन श्रीकृष्ण ने एक मनुष्य के रुप मे जिन उंचाइयों को छुआ, कर्ण उनका स्पर्श स्वप्न मे भी नही कर सका। कारण स्पष्ट है, श्रीकृष्ण ने साकारात्मक विचारों विपरीत को भी अनुकुल बनाने की कला को सीख लिया था। जबकि कर्ण की नाकारात्मक सोच उसके हाथ मे आई सफलता को भी छीन लेती थी।
- जज्बा,जोश और जुनुन' मे वह शक्ति है जिसके दम पर पहाड़ हिलाने से भी ज्यादा बड़ी चीजें करना मुमकिन है। सफलता के बारे मे सोचने से आपका दिमाग ऐसी योजनाएं बना लेता है जिससे अंततः विजयश्री ही हासिल होती है।
- आपकी सफलता का आकार कितना बड़ा होगा , यह आपके विश्वास के आकार से तय होगा। इसिलिए विश्वास कीजिए, अपने आप पर विश्वास किजिए कि आप सफल हो सकते है और निश्चित रुप से आप हो जाएंगे ।
- सत्य की भुख सभी को है, लेकिन जब परोसा जाता है तो बहुत कम लोगों को ही इसका स्वाद पसंद आता है।
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