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बुधवार, 29 जुलाई 2020

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, shri ram janmabhoomi teerth kshetra ayodhya

 श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या 

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥

सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥1॥

रामराज्य' में दैहिक, दैविक और भौतिक ताप किसी को नहीं व्यापते। सब मनुष्य परस्पर प्रेम करते हैं और वेदों में बताई हुई नीति (मर्यादा) में तत्पर रहकर अपने-अपने धर्म का पालन करते हैं॥1॥

श्रीराम सत्य है, सनातन है, महा पुरुषोत्तम है, मानवता का मार्गदर्शक है। श्रीराम सर्व व्यापक है।
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पांच सदी के बाद बनेगा राम मंदिर, जानिए अयोध्या मामले में कब-कब क्या हुआ


पिछली पांच सदियों में ऐसी रही है अयोध्या आंदोलन की टाइम लाइन,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था और तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने की मियाद तय की थी, जिसपर सरकार ने अमल किया. अयोध्या में पांच सदी पुराने विवाद का हल पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुआ।


अयोध्या आंदोलन से देश की राजनीति का दशा और दिशा दोनो बदल दी,


बता दें कि माना जाता है कि बाबर के दौर में अयोध्या में राम मंदिर को तुड़वाकर मस्जिद का निर्माण कराया, पिछले पांच सदी से यह विवाद था, जिसने देश की राजनीति का दशा और दिशा को बदल दिया है. आजादी के बाद से अब तक इस विवाद ने देश की राजनीति को प्रभावित किया है। अयोध्या को लेकर देश भर में आंदोलन किए गए, कानूनी लड़ाई भी लड़ी गई और सुप्रीम कोर्ट के जरिए राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

1853 जब पहली बार अयोध्या में दंगे हुए थे ।

अयोध्या में इस मुद्दे को लेकर हिंदू-मुस्लिम हिंसा की पहली घटना 1853 में हुई थी. जब निर्मोही अखाड़े ने ढांचे पर दावा करते हुए कहा कि जिस स्थल पर मस्जिद खड़ा है, वहां एक मंदिर हुआ करता था। जिसे बाबर के शासनकाल में नष्ट किया गया। अगले 2 सालों तक इस मुद्दे को लेकर अवध में हिंसा भड़कती रही। फैजाबाद जिला गजट 1905 के अनुसार 1855 तक, हिंदू और मुसलमान दोनों एक ही इमारत में पूजा या इबादत करते रहे।

1885: पहली बार जिला अदालत में पहुंचा यह विवादित मामला,

1984: रामजन्मभूमि मुक्ति समिति का गठन किया गया,

जून 1989: विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का शिलान्यास किया,

25 सितंबर 1990: आडवाणी की रथ यात्रा निकला राम मंदिर हेतु,

30 अक्टूबर 1990: अयोध्या में पहली बार कारसेवा हुई,

6 दिसंबर 1992: बाबरी मस्जिद ढ़हा दी गई, 

16 दिसंबर 1992: मस्जिद ढहाने की जांच के लिए लिब्रहान आयोग बना,

1994: इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस शुरू हुआ,


2001: विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर बनाने की तारीख तय की,

जनवरी-फरवरी 2002: वाजपेयी ने मामला सुलझाने के लिए अधिकारी नियुक्त किए,

13 मार्च 2002: सुप्रीम कोर्ट ने कहा अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखें,

15 मार्च 2002: सरकार को सौंपी गई शिलाएं,

अप्रैल 2002: हाईकोर्ट में मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की,

मार्च-अगस्त 2003: पुरातत्व विभाग ने विवादित स्थल के नीचे खुदाई की,

जून 2003: शंकराचार्य ने मध्यस्थता का प्रयास किया, पर विफल

अप्रैल-जुलाई 2004: आडवाणी ने अस्थाई मंदिर में पूजा की,

19 मार्च 2007: राहुल गांधी बोले- नेहरू-गांधी परिवार का पीएम होता तो मस्जिद न गिरती,

26 जुलाई 2010: अयोध्या विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई,

30 सितंबर 2010: कोर्ट का फैसला- तीन हिस्सों में बांट दिया गया विवादित स्थल को,

9 मई 2011: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई,

मार्च-अप्रैल 2017: 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाद सुलझाने की बात कही,

27 सितंबर 2018: 'मस्जिद इस्लाम का अनिवार्य अंग नहीं' मामला बड़ी बेंच को भेजने से इनकार,

25 नवंबर 2018: विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में धर्म सभा हुई,

1 जनवरी 2019: पीएम मोदी ने कहा- फैसला कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद,

8 मार्च 2019: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा, पैनल को 8 सप्ताह के अंदर कार्यवाही खत्म करने को कहा।

अगस्त 2019: मध्यस्थता पैनल समाधान निकालने में विफल रहा,
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1 अगस्त को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की. 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा. 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई.

16 अक्टूबर 2019: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को अपना फैसला सुनाया, इसके तहत कोर्ट ने विवावित जगह को राम मंदिर को देने और मस्जिद के लिए अलग पांच एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार एक ट्रस्ट बनाए।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का निर्माण किया।

धर्म की जीत हुई और अधर्म का पराजय हुआ।
सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नही।

श्रीराम सत्य है, सनातन है, महा पुरुषोत्तम है, मानवता का मार्गदर्शक है। श्रीराम सर्व व्यापक है।

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