रुकना नहीं - थकना नहीं
न जीत है न हार है, ये तो मन का परिणाम है।
मान लो तो हार है, और ठान लो तो जीत है।
जीना है तो मरना सिखो, कदम कदम पर लड़ना सिखो।
मेहनत लगती है सपनो को सच बनाने मे।
हौशला लगता है बुलन्दियों को पाने मे।
और बर्षों लगती है जिंदगी बनाने मे।
आप जानते हैं, हर एक के जीवन मे कुछ पानी तो बरसेगा ही, हर एक के घर मे मुश्किल- कभी- कभार मेहमान बनकर आयेगी ही, परन्तु जब ऐसा हो, तो हो सकता है कि आप सिर्फ वहाँ बैठे रहे और रोते रहे, या फिर यह हो सकता है कि आप अपना मन बना ले खड़े होने और लड़ने का। आप सभी यह जान लें कि, जीवन मे सफलता कभी संयोग से नही, बल्कि चुनाव से मिलती है। आप आगे बढ़ने का विकल्प चुने, तुफान से गुजरने का। या जब चीजें गड़बड़ होने लगें, तो चुने हार मानने और घुटने टेक देने का ?
आप जीतते हैं या हारते है, यह आप पर है। अगर आप शिखर पर पहुंचना चाहते है, तो आपको अपने दिल की गहराइयों मे विश्वास करना होगा। इसमे अपना सब कुछ झोंक दे, वह सब कुछ जो आपके पास है, और कभी भी , कभी भी न रुके।
सफलता का मतलब कभी हार न मानना। आँकड़े इस बात की पुष्टि करते है। आपको बस कोशिश करते रहना होगा।आपको लगन से जुटे रहना होगा। एक नया नजरिया विकसित करना होगा, एक नया संकल्प और दुनियाँ को देखने की एक नई दृष्टि विकसित करना होगा। फिर आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरु कर दें, आपको लगातार चलते रहने का निर्णय लेना होगा। अगर आप सफलता चाहते है, तो आपको यह फैसला करना होगा कि आप कभी मैदान नही छोड़ेगें, कभी नही-कभी नही। यह कर्म की वह सीढ़ी है, जो हर सफलता की कुंजी है।
चलते रहने का नाम है जिंदिगी
आपको हाथ-पैर चलाने होंगे, लगातार चलाने होंगे, आपको कोशिश करनी होगी, लगातार करनी होगी। आप यह जानते है कि आप यह नियंत्रित नही कर सकते कि हवा का रुख किस तरफ होगा, परंतु आप यह तय कर सकते कि आपकी नाव किस दिशा मे जायेगी। अगर हवा उत्तर मे बह रही है, परंतु दक्षिण आपकी चुनी हुई दिशा है, तो आपको बहाव का प्रयोग करना होगा, और इसके सहारे आपको जहाँ जाना है वहाँ पहुंचना होगा। जीवन का दौर सबसे शक्तिशाली मनुष्य नही जीतता, बल्कि वह जीतता है जो सिर्फ लगातार आगे बढ़ता रहता है। चाहे दौर कितना ही मुश्किल क्यों न हो जाए, विजेता का कप वही उठाता है, जो हाथ-पैर चलाता रहता है।![]() |
chalte rahne ka nam hai jindigi |
सफलता का मतलब कभी हार न मानना। आँकड़े इस बात की पुष्टि करते है। आपको बस कोशिश करते रहना होगा।आपको लगन से जुटे रहना होगा। एक नया नजरिया विकसित करना होगा, एक नया संकल्प और दुनियाँ को देखने की एक नई दृष्टि विकसित करना होगा। फिर आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरु कर दें, आपको लगातार चलते रहने का निर्णय लेना होगा। अगर आप सफलता चाहते है, तो आपको यह फैसला करना होगा कि आप कभी मैदान नही छोड़ेगें, कभी नही-कभी नही। यह कर्म की वह सीढ़ी है, जो हर सफलता की कुंजी है।
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