कर्म प्रधान
कर्म प्रधान विश्व रचि राखा। जो जस करहिं सो तस फल चाखा।
सकल पदारथ है जग माहिं। कर्म हीन नर पावत नाहीं।
इस दुनियाँ मे दुर्लभ कुछ भी नही। सब कुछ संभव है।
Nothing is impossible. Every thing is possible.
जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते है। उन्हे जीवन मे कभी सुख नही मिलता ।
व्यक्ति क्या है यह तो महत्वपूर्ण है। पर व्यक्ति मे क्या है वह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जीवन मे प्रसन्न व्यक्ति वह है जो स्वयं का मूल्यांकन करता है। और दुखी व्यक्ति वह है जो दुसरों का मूल्यांकन करता है। Nothing is impossible. Every thing is possible.
सकल पदारथ है जग माहिं। कर्म हीन नर पावत नाहीं।
इस दुनियाँ मे दुर्लभ कुछ भी नही। सब कुछ संभव है।
Nothing is impossible. Every thing is possible.
जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते है। उन्हे जीवन मे कभी सुख नही मिलता ।
व्यक्ति क्या है यह तो महत्वपूर्ण है। पर व्यक्ति मे क्या है वह ज्यादा महत्वपूर्ण है।
जीवन मे प्रसन्न व्यक्ति वह है जो स्वयं का मूल्यांकन करता है। और दुखी व्यक्ति वह है जो दुसरों का मूल्यांकन करता है। Nothing is impossible. Every thing is possible.
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