सर्वोत्तम लक्ष्य होना चाहिए।
लक्ष्य न ओझल होने पाय, कदम मिलाकर चल ।
लक्ष्य न ओझल होने पाय, कदम मिलाकर चल ।
सफलता तेरी चरण चुमेगी, आज नही तो कल।
बाधाएं कब बांध सकी है, आगे बढ़ने बालों को।
विपदाऎं कब रोक सकी है, पथ पर चलने बालों को।
विपदाऎं कब रोक सकी है, पथ पर चलने बालों को।
- जीवन मे आप क्या हासिल करना चाहते हैं ? क्यों हासिल करना चाहते हैं ? कब तक हासिल करना चाहते हैं ? यह निश्चित रुप से मालुम होना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। लक्ष्य तक हम तभी पहुँच सकते है जब हमे अपना निश्चित लक्ष्य मालुम हो। लक्ष्यहीन व्यक्ति दिशाहीन होता है और दिशाहीन व्यक्ति संकटग्रस्त होता है।
- लक्ष्य प्राप्ति की समय सीमा तय हो, यह आवश्यक है। तभी आप उस कार्य को तत्परता के साथ एवं लगन और उत्साह के कर पायेंगे और सफलता की ओर अग्रसर होंगे । युँ तो अच्छा से अच्छा व्यक्ति भी सबसे अच्छा नही हो सकता, और सबसे अच्छा व्यक्ति भी सबके लिय अच्छा नही हो सकता तो इसका मतलब यह भी नही है की अच्छाई के सारे रास्ते बंद है। अपने लिए तो सभी अच्छे होते है। लेकिन अच्छाई की कसौटी तो यह है कि आप अपने आप मे कितने अच्छे है।
- अपने लक्ष्य को ओझल न होने दे, कदम से कदम मिलाकर चलें। सफलता मिलेगी ही, आज नही मिलेगी तो कल मिलेगी। सपलता का कोई शाॅट-काॅट नही होता।
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